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रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध के बीच NATO का हमला हुआ तो सबसे पहले खाक होंगे पोलैंड और बाल्टिक देश

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मॉस्को
रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन के खास सिपहसलार और रूस की विदेशी खुफिया एजेंसी के प्रमुख सर्गेई नारिश्किन ने पश्चिमी देशों को खुली चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि नाटो ने रूस या उसके करीबी सहयोगी बेलारूस पर कोई भी आक्रामक कार्रवाई की, तो सबसे पहले पोलैंड और बाल्टिक देश तबाह होंगे। यह बयान रशियन न्यूज़ एजेंसी RIA ने उनके हवाले से जारी किया है। इस बयान से क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ने की आशंका है।

नारिश्किन ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, "अगर NATO ने रूस या बेलारूस के खिलाफ कोई भी सैन्य कार्रवाई की, तो इसका खामियाजा पूरे NATO को भुगतना पड़ेगा। लेकिन सबसे पहले तबाही पोलैंड और बाल्टिक देशों पर टूटेगी।" नारिश्किन पुतिन के बेहद करीबी और रूसी खुफिया विभाग के सबसे ताकतवर चेहरों में से एक माने जाते हैं। उनके बयान साफ संकेत है कि रूस पश्चिमी गठबंधन के किसी भी संभावित हस्तक्षेप के लिए तैयार है और प्रतिरोध की नीति अपनाएगा।

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पोलैंड और बाल्टिक देश निशाने पर क्यों?
पोलैंड और एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया जैसे बाल्टिक देश NATO के सदस्य हैं और रूस की पश्चिमी सीमा से सटे हुए हैं। हाल के वर्षों में इन देशों ने रूस के खिलाफ मुखर रुख अपनाया है और यूक्रेन को समर्थन देने में भी आगे रहे हैं। रूस इन्हें "NATO की अग्रिम चौकियां" मानता है।

यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी हस्तक्षेप
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस और NATO देशों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को आर्थिक, सैन्य और खुफिया मदद दे रहे हैं, जबकि रूस इसे सीधा NATO का हस्तक्षेप मानता है।

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