Home मध्य प्रदेश विंध्य क्षेत्र में विकास के नए आयाम लिखेगा डालमिया भारत सीमेंट प्लांट

विंध्य क्षेत्र में विकास के नए आयाम लिखेगा डालमिया भारत सीमेंट प्लांट

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किसानों को मिला मालिकाना हक न छिनने का विकल्प, किसान को मिलेगा सतही फसल मुआवजा
रामपुर बाघेलान क्षेत्र के किसानों को बरगला कर कंपनी पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे तथाकथित बिचौलिए

सतना
सीमेंट सिटी के तौर पर पहचान बना चुके सतना जिले में एक और प्लांट आकार लेने जा रहा है, जिससे किसानों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। एक तरफ किसान अपनी जमीन का मालिक भी बना रहेगा और दूसरी ओर उसे अनुबंध अवधि तक फसल का सतही मुआवजा भी मिलेगा।

दरअसल डालमिया भारत सीमेंट प्लांट के द्वारा रामपुर बाघेलान अनुविभागीय क्षेत्र के  जमुना, बैरिहा, झिरिया बाजपेइन, झिरिया कोपरिहान, झिरिया कोठार सहित आसपास के गांव में खनन लीज ली जा रही  है। इस संबंध में प्लांट प्रबंधन द्वारा किसानों को मध्य प्रदेश सरकार के राजपत्र एवं शासन के द्वारा निर्धारित की गई गाइड लाइन के तहत अधिग्रहण किया  जा रहा है। प्रोजेक्ट हेड स्वप्रिल शर्मा ने बताया कि के मध्य प्रदेश सरकार का राजपत्र क्रमांक 264 दिनांक 11 सितंबर 2024 क्रमांक एफ 3-3-0001-2024 एमआरडी-बारह-खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 (1957 क 67 )की धारा 26 की उपधारा (2) के आधीन प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, एतद् द्वारा, खनिज (परमाणु और हाइड्रो कार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम 2016 के नियम 52 के आधीन भूमि के स्वामी को देय वार्षिक प्रतिकर का निर्धारण किए जाने हेतु संबंधित जिले के कलेक्टर को प्राधिकृत अधिकारी के रुप में नियुक्त किया है और इसी राजपत्र के अनुसार किसानों की जमीन ली जाएगी। उन्होंने बताया कि  वार्षिक सतही फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रति एकड़  ग्रामवार तय किया जाएगा।

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इन शर्तों के तहत मिलेगा मुआवजा
श्री शर्मा ने बताया कि रामपुर बाघेलान तहसील क्षेत्र के ग्राम जमुना, बैरिहा, झिरिया वाजपेइन, झिरिया कोपरिहान, झिरिया कोठार के कुल क्षेत्रफल 306.8921 हेक्टेयर का वार्षिक सतह मुआवजा आगामी दस वर्ष हेतु तय होगा।  प्रभावित किसानों से भूमि स्वामी अधिकार न लेते हुए उनकी जमीन से खनिज उत्खनन बावत् मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा के पश्चात खनन प्रक्रिया संपादित की जाएगी एवं संपूर्ण उत्खनन पश्चात प्रभावित जमीन की यथास्थिति कायम कर कृषि योग्य बनाकर वापस की जाएगी। उत्खनन के दौरान या उत्खनन के पश्चात किन्हीं परिस्थितियों में यदि किसान अपनी जमीन निर्धारित स्वीकृति दर पर बेचने को तैयार होता है तो कंपनी अविलंब रजिस्ट्री को तैयार रहेगी। निर्धारित भूमि वार्षिक मुआवजा राशि से किसान कई प्रकार से प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से लाभांवित होंगे।  कृषि कार्य में होने वाले आर्थिक व्यय, शारीरिक श्रम एवं अन्य प्रकार के खर्चोंं से किसान मुक्त रहेंगे और भूमि के स्वामित्व का अधिकार भी सुरक्षित रहेगा तथा निर्धारित आय होती रहेगी। इन शर्तों के अनुसार पहली बार काम किया जा रहा है।

बिचौलिए किसानों को बरगलाने में तुले
डालमिया भारत के द्वारा प्रभावित किसानों की लिस्ट के अनुसार उन्हें मुआवजा देने की पक्रिया शुरू कर दी है, जिससे बिचौलियों को नुकसान होता दिख रहा है। ऐसे में वह किसानों को बरगला कर प्रोजेक्ट को डिले करने में तुले हुए हैं। चूंकि कंपनी किसानों से सीधे बात करने को तैयार है, इसके बाद भी भ्रम पैदा कर बिचौलिए किसानों को बरगला रहे हैं।

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