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जस्टिन ट्रूडो के एक बयान से दांव पर अरबों का कारोबार, नहीं सुधरे कनाडा और भारत के रिश्ते तो क्या होगा?

नई दिल्ली
भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। इसमें पर्यटन से लेकर शिक्षा, मसूर दाल के आयात और स्मार्टफोन के निर्यात तक शामिल हैं। भारतीय कंपनियों में कनाडाई लोगों का निवेश भी बढ़ रहा है। हालांकि हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच गतिरोध सामने आया है। भारत की ओर से लगाए गए वीजा प्रतिबंध संबंधों में खटास की नई कड़ी है। इसका असर आतिथ्य तथा विमानन उद्योग तथा कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर पड़ेगा।

हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक भारत आते हैं
2022 में 277291 विदेशी पर्यटक कनाडा से भारत आए। विदेशी पर्यटकों के मामले में कनाडा, अमेरिका, बांग्लादेश, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बाद पांचवें स्थान पर रहा। कनाडा से पर्यटकों की संख्या 2021 से तीन गुना से अधिक बढ़ गई है। 2021 में केवल 80437 पर्यटक आए थे। हालांकि, यह अभी भी अधिकतम संख्या से कम है। महामारी से पहले 2019 में लगभग 352000 कनाडाई भारत आए थे। 2022 में देश में आने वाले सभी विदेशी पर्यटकों में से 4.5% कनाडा से थे, और ये वे लोग हैं जो भारत द्वारा वीजा पर प्रतिबंध से सीधे प्रभावित हुए हैं।

विमानन और आतिथ्य उद्योग को नुकसान
वीजा प्रतिबंध देश में विमानन और आतिथ्य उद्योग के लिए अच्छी खबर नहीं है। क्योंकि यह प्रतिबंध पर्यटन सीजन से पहले आया है। भारत में वार्षिक विदेशी पर्यटकों में से आधे से अधिक वर्ष के अंतिम तीन महीनों में आते हैं। पूरे साल में दिसंबर वह समय होता है जब पर्यटक सबसे अधिक भारत आते हैं, और पर्यटन से विदेशी मुद्रा की आय भी सबसे अधिक होती है। हालांकि यह प्रतिबंध उन लोगों पर लागू नहीं होता है जिनके पास सुरक्षित वीज़ा है। लेकिन दिसंबर के लिए अधिकांश बुकिंग अगस्त-अक्टूबर के आसपास होती है, इस फैसले से बुकिंग कमजोर होने की संभावना है। इसके अलावा जो कनाडाई नागरिक पहले से ही भारत आने की योजना बना चुके हैं, उनके भी अपनी यात्रा योजनाओं पर फिर से विचार करने की संभावना है।

कनाडा के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार
दोनों देशों के बीच अपेक्षाकृत कम, 8 अरब डॉलर का व्यापार है। 2022-23 में 4.1 अरब डॉलर का निर्यात भारत की ओर से किया गया है। व्यापार के लिए बिजनेस वीजा की आवश्यकता होती है। हालांकि संबंधों में मौजूदा खटास का व्यापार संबंधों पर सीधे असर पड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत पहले ही रुक गई है।

भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर
संबंधों में और गिरावट की स्थिति में इसका असर कनाडा के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारत के छात्रों पर निश्चित रूप से पड़ेगा। कनाडा में भारत से अनुमानित 3.20 लाख छात्र हैं। 2022 में, उच्च शिक्षा के लिए कनाडा आए 5.50 लाख छात्रों में से 2.26 लाख भारतीय थे। यह भारत-कनाडा संबंधों का आधार है और वहां के शैक्षणिक संस्थानों को भारतीय छात्रों से काफी लाभ होता है। ऐसे में, यह संभावना नहीं है कि कनाडा भारत के वीजा प्रतिबंध के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा।

कनाडाई निवेश क्या प्रभाव पड़ेगा?
भारत में 600 से अधिक कनाडाई कंपनियां मौजूद हैं, लेकिन कुल मिलाकर, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश केवल 3.6 अरब डॉलर है। लेकिन हाल ही में, कनाडाई पेंशन फंड ने विप्रो, इंफोसिस, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और पेटीएम, ज़ोमैटो, नायका और डेल्हीवरी जैसी स्टार्टअप्स में निवेश किया है। पिछले कुछ वर्षों में कनाडाई फंड भारतीय कंपनियों में 1 ट्रिलियन रुपए से अधिक डूबा है। यदि रिश्ते जल्द ही सामान्य नहीं हुए तो ये खत्म हो सकते हैं।

 

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