मध्य प्रदेश

मामा के राज में भांजे-भांजियों का जीना हुआ मुश्किल : लालचंद

प्रदेश में आज भी दस लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित, शिशु मृत्यु दर में प्रदेश अव्वल

 सीधी

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष लालचंद गुप्ता ने अपने एक बयान में कहा है कि प्रदेश में लाखों बच्चों को आज भी पोषण युक्त नाश्ता और खाना नहीं मिल रहा है, जिस वजह से प्रदेश के भविष्य के साथ ये शिवराज सरकार खिलवाड़ कर रही है। मामा कहलाने वाले 18 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री के राज्य में भांजे-भांजियों का हाल आज भी ये है कि बच्चे कुपोषण और सुविधा ना होने कारण प्रतिदिन लगभग 46 बच्चे दम तोड़ रहे हैं। जिस कारण से हमारा प्रदेश पूरे देश में अव्वल है।

गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार देश में लाखों बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है और हजारों आंगनवाड़ी केंद्र अभी तक खुले ही नहीं है।

महिला बाल विकास विभाग ने जो अपनी रिपोर्ट जारी की है उसमें बताया गया है कि प्रदेश में 97,137 आंगनबाड़ियो में 24% यानी लगभग 25,000 रोजाना खुल ही नहीं रही हैं और गरम पका हुआ भोजन सिर्फ 32% बच्चों को नसीब हो रहा है और प्रदेश के लगभग 24 लाख बच्चों को ना नाश्ता मिल रहा है ना ही पोषण युक्त खाना मिल रहा है, सरकार इसका जबाव दे और प्रदेश की जनता को बताए कि इन मासूम बच्चों का पैसा कौन ड़कार रहा है ?

और ये भी हाल तब है जब राज्य सरकार ने खुद विधानसभा में माना था कि प्रदेश में 0 से 5 साल तक के 65,02,723 बच्चे हैं इसमें से 10,32,166 बच्चे कुपोषित हैं, इसमें भी 6,30,000 अति कुपोषित हैं।

उसके बाद भी शिवराज सरकार उर्फ मामा ने प्रदेश के भांजे-भांजियों के जिंदगी को बचाने के लिए 18 सालों में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए जिससे उनके सर से शिशु मृत्यु दर का जो कलंक है उसे कम किया जा सके और उनके भांजे- भांजियों को भर पेट पोषण आहार खिला सकें।
प्रदेश की जनता अब जागरूक हो गई है और भांजे-भांजियों के सामने मामा का असली चेहरा सामने आ गया है, और आने वाले समय में हर भांजे-भांजी इसका जवाब देंगें।

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