उत्तर प्रदेश

सामूहिक धर्मांतरण मामला: कुलपति के इशारे पर फंडिंग कर गरीबों को दिया जाता था लालच, आरोपियों ने उगले अहम राज

 फतेहपुर 

सामूहिक धर्मांतरण के आरोपों में घिरे शुआट्स कुलपति आरबी लाल के करीबी दो लोगों ने पुलिस हिरासत में केस से जुड़े अहम राज उगले हैं। शुक्रवार को पुलिस दोनों को कोर्ट में पेश कर सकती है। दोनों आरोपितों से आईबी समेत अन्य एजेंसियों ने भी पूछताछ की है।

फतेहपुर की एसआईटी ने आरोपितों की प्रयागराज में मौजूदगी की सूचना पर छापेमारी कर यहां से एक आरोपित को हिरासत में लिया था। उसकी निशानदेही पर एसआईटी को एक और आरोपित को पकड़ने में सफलता मिली। त्रिवेंद्रम का यह आरोपित भी शुआट्स कुलपति आरबी लाल का करीबी बताया जा रहा है। वह कुलपति के निर्देश पर वर्ल्ड विजन संस्था के जरिए फंडिंग कर गरीबों को धर्मांतरण के लिए प्रलोभन देता था। जबकि दूसरा धर्मांतरण के आरोपों में घिरा शातिर वर्ल्ड विजन संस्था से जुड़ा है। दोनों से पूछताछ में एसआईटी को फंडिंग और धर्मांतरण के नेटवर्क की कई अहम जानकारियां मिली हैं। आरोपितों को लेकर खुफिया अलर्ट आरोपितों के गिरफ्त में आने पर आईबी समेत खुफिया पुलिस भी सक्रिय रही। आईबी टीम ने कोतवाली पहुंचकर दोनों से लंबी पूछताछ की।सभी गतिविध्ियिों पर नजर रख रही है।

शुआट्स के अल्पसंख्यक दर्जे की भी हो रही जांच

आरबी लाल समेत शुआट्स प्रशासन के अन्य अधिकारियों पर केस दर्ज कराने वाली एसटीएफ ने संस्थान के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर भी जांच शुरू की है। एसटीएफ ने अपनी एफआईआर में यह भी जिक्र किया है कि सैम हिग्गनिबाटम यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर टेक्नोलाजी एंड साइंसेस (शुआट्स) अल्पसंख्यक दर्जे के अधीन कई सुविधाएं हासिल कीं। अब जांचा जा रहा है कि नेशनल काउंसिल फार माइनारिटी एजुकेशन कमीशन की रिपोर्ट में इसके बारे में क्या दर्ज किया गया है। एसटीएफ का कहना है कि शुआट्स अल्पसंख्यक संस्थानों की सूची में शामिल नहीं रहा। एसटीएफ सारे दस्तावेजों को जमा कर रही है ताकि जांच रिपोर्ट दी जा सके।

हाथ से फिसल गया एक आरोपित

आरोपितों की तलाश में नैनी में छापेमारी के दौरान एसआईटी के हाथ से शुआट्स के अहम पद पर तैनात और धर्मांतरण का आरोपित हाथ से फिसल गया। सूत्रों की मानें तो एसआईटी के उसके लोकेशन पर पहुंचने के कुछ समय पहले वह मौके से खिसक गया।

पुलिस को चकमा दे रहे आरोपित

धर्मांतरण के मास्टरमाइंड समेत आरोपित इतने शातिर हैं कि वह लोकेशन के नाम पर पुलिस को बार-बार चकमा दे रहे हैं। मोबाइल लोकेशन के जरिए वाच कर रही पुलिस को भटकाने के लिए वह अपना मोबाइल विभिन्न एरिया में आन कर निकल जा रहे हैं।
 

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