सीएम बघेल ने झीरम जांच आयोग का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया ,हत्याकांड को आज 10 साल हो गए
रायपुर
झीरम घाटी हत्याकांड के मामले को आज 10 साल हो गए, लेकिन इस मामले की जांच आज तक पूरी नहीं हो पाई है। वहीं, झीरम घाटी जांच आयोग का कार्यकाल 6 महीने और बढ़ा दिया गया है। इस मामले में जांच को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि BJP सही जांच चाहती है तो NIA से जांच न कराएं, मामले की जांच राज्य सरकार को करने दें।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि झीरम घाटी हत्याकांड मामले में रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का नारको टेस्ट हो। इतना ही नहीं उन्होंने आबकारी मंत्री कवासी लखमा का भी नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि लखमा के नारको टेस्ट से हमें कोई दिक्कत नहीं है।
बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में हमला कर 32 नेताओं और सुरक्षाकर्मियों की हत्या की थी। घटना के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग का गठन किया था। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी थी। इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। विवाद के बाद जांच में नए बिंदु जोड़ते हुए नवंबर 2021 में सेवानिवृत न्यायाधीश सतीश अग्निहोत्री और जस्टिस मिन्हाजुद्दीन को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्या है झीरम घाटी नक्सली हमला
2013 में 25 मई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा में परिवर्तन यात्रा रैली समाप्त होने के बाद शाम करीब 4 बजे सुकमा से जगदलपुर जा रहा था, इसी दरमियान जब झीरम घाटी से होकर गुजर रहा था, तभी नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता रोक दिया, कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही करीब 200 नक्सलियों ने गाड़ियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत कई नेता शहीद हो गए। नतीजन चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ही खत्म हो गई।