मध्य प्रदेश

प्रदेश में हाईवे पुलिस के गठन में तेजी,नेशनल और स्टेट हाईवे पर पूरा फोकस

भोपाल

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के एक पत्र के बाद प्रदेश में अब हाईवे पुलिस के गठन की तैयारी तेजी से शुरू होने जा रही है। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव तैयार होकर राज्य शासन को भेजे जाने की कवायद चल रही है। यह प्रस्ताव महाराष्ट्र की तर्ज पर बनाया जा सकता है। जहां पर हाईवे पुलिस का गठन पूर्व में हो चुका है। जो नेशनल और स्टेट हाईवे पर ही पूरा फोकस करेगा।

सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में हाईवे पुलिस के जोनल आफिस हो सकते हैं। जहां पर पुलिस अधीक्षक रेंक के अफसर को बैठाया जा सकता है। इन अफसरों के साथ एक डीएसपी और अन्य स्टाफ दिया जाएगा। इनका काम होगा कि हाईवे पर होने वाले सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के साथ ही हाईव पर यात्रियों की मदद, उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही इन सड़कों पर हुए हादसों में दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाना, हाईवे पर जाम को खुलवाना, सड़क पर हंगामा करने वालों को नियंत्रित करना आदि काम करना होंगे। हाईवे पुलिस के गठन के लिए प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी पीटीआरआई को मिली है। जल्द ही इस प्रस्ताव को बनाया जाएगा। इसके लिए यहां की एक टीम महाराष्ट्र जाकर हाईवे पुलिस की जानकारी ले सकती है।

12 फीसदी सड़कों पर होती है 53 प्रतिशत मौतें
प्रदेश में कुल सड़कों में से 5 प्रतिशत नेशनल हाईवे  हैं, जबकि 7 प्रतिशत के लगभग  सड़के स्टेट हाईवे की है। बाकी की लगभग 88 प्रतिशत सड़के हाईवे में नहीं आती है। इसके साथ यह भी तथ्य सामने आया है कि नेशनल और स्टेट हाईवे पर होने वाली मौतों की संख्या बहुत ज्यादा है। प्रदेश में सड़क हादसों में होने वाली कुल मौतों में से 54 प्रतिशत मौंत नेशनल और स्टेट हाईव पर होती है। वर्ष 2022 में 13 हजार 427 मौतें सड़क हादसों में हुई थी। इनमें से 7 हजार 250 मौतें नेशनल और स्टेट हाईवे पर हुई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button