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उप्र के पत्रकार संघ ने आईफा के राष्ट्रीय संयोजक व किसान नेता डा. राजाराम त्रिपाठी का किया सम्मान

जगदलपुर
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले बस्तर में उन्नत खेती की मिसाल कायम करने वाले अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक व किसान संगठनों के एमएसपी गारंटी मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राजाराम त्रिपाठी के पिछले दिनों लखनऊ आगमन पर यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (यूपीडब्लूजेयू) ने जोरदार स्वागत किया गया।

यूपीडब्लूजेयू अध्यक्ष टीबी सिंह ने देश भर में किसानों के बीच अलख जगाने वाले डा राजाराम त्रिपाठी का स्वागत साथी पदाधिकारियों के साथ संगठन के शिविर कार्यालय में किया। इस मौके पर इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस, यूपीडब्लूजेयू के संगठन सचिव आचार्य अजय त्रिवेदी, प्रदेश सचिव राजेश मिश्रा, पीपी सिंह, प्रचार एवं प्रकाशन सचिव वीरेंद्र सिंह, लखनऊ मंडल के अध्यक्ष एंथोनी सिंह व वरिष्ठ पत्रकार त्रिनाथ शर्मा व आशीष अवस्थी मौजूद रहे। डा. त्रिपाठी का शाल ओढ़ाकर व माल्यापर्ण कर स्वागत करते हुए टीबी सिंह ने कहा कि उनकी वजह के यूपीडब्लूजेयू के साथियों को बस्तर क्षेत्र में हो रही उन्नत खेती और आदिवासी जीवनशैली व भाषा के संदर्भ में पूर्व में उक्त इलाके की यात्रा के दौरान जानकारी मिल सकी थी। उन्होंने कहा कि डा. त्रिपाठी खेती किसानी के मुद्दे पर मुख्रर लेखन करते रहे हैं और देश भर के विभिन्न समाचार पत्रों में उनके लेख प्रकाशित होते हैं। साथ ही डा. राजाराम त्रिपाठी उच्च स्तरीय साहित्यिक पत्रिका ककसाड के संपादक व प्रकाशक का भी दायित्व बखूबी संभाल रहे हैं। पत्रकार संघ की ओर से डॉ त्रिपाठी को श्रीमद भगवत गीता की प्रति व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

इस मौके पर डा. त्रिपाठी ने यूपीडब्लूजेयू की टीम को बस्तर का दौरा कर वहां हो रहे कृषि के क्षेत्र में नवोन्मेष की जानकारी हासिल करने व आदिवासी जीवन को नजदीक से जानने समझने के लिए आमंत्रित भी किया है। उन्होंने यूपीडब्लूजेयू का किसानों के प्रति सकारात्मक रुख रखने व हमेशा साथ देने के लिए आभार भी जताया। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के पत्रकारों का एक दल शीघ्र ही डॉ त्रिपाठी के कृषि के नवाचारों के व्यावहारिक अध्ययन हेतु मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर का भ्रमण करने छत्तीसगढ़ आयेगा, तथा उनके लाभदायक कृषि नवाचारों का फायदा उत्तर प्रदेश के किसानों किस तरह से ले सकते हैं , इसकी व्यवहारिक संभावनाओं की तलाश करेगा। सम्मान समारोह के अंत में डॉ त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उनके पूर्वजों की जन्मभूमि तथा कर्मभूमि रही है,अतएव उत्तर प्रदेश की पुण्य धरती से आत्मिक लगाव रहा है। लेकिन जिस जैसा प्यार, सम्मान व समर्थन उत्तर प्रदेश के पत्रकारों ने दिया है वह अभिभूत करने वाला है। अभी तक हमने फूल मालाओं से लाद देने की कहावत ही सुनी थी,आप लोगों ने तो सचमुच ही मुझे फूलमालाओं से मुझे लाद ही दिया है। आप लोगों द्वारा भेंट की गई यह भगवत-गीता किसानों के हित में मुझे सदैव निष्काम भाव से संघर्ष करने हेतु प्रेरित करते रहेगी।उन्होंने छत्तीसगढ आ रहे व पत्रकारों के दल को तथा उत्तर प्रदेश के किसानों को हर प्रकार से सहयोग देने का वायदा भी किया।

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