उत्तर प्रदेश

बादाम समझकर जेट्रोफा खाने से 16 बच्चों की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

मिर्जापुर  
Mirzapur जिले के चुनार में खेल खेल में मासूम बच्चों ने जेट्रोफा का फल खा लिया। जेट्रोफा का फल खाने के बाद उन्हें उल्टी और दस्त शुरू हो गई और उनकी हालत बिगड़ने लगी। ऐसे में परिजनों ने तत्काल अस्पताल में लेकर भागे जहां उनका उपचार चल रहा है। पूछताछ में बच्चों द्वारा बताया गया कि वे बादाम समझकर जेट्रोफा के फल को खा लिए थे। वहीं उपचार कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर है।
 
मंडलीय चिकित्सालय में चल रहा है इलाज
दरअसल मिर्जापुर जिले के चुनार थाना अंतर्गत कांशी राम आवास कॉलोनी के दर्जनभर से अधिक बच्चे शुक्रवार को सायं काल स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपने घर पहुंचे। घर पहुंचने के बाद बच्चे पास में ही स्थित एलआईसी परिसर के मैदान में खेलने के लिए चले गए। परिजनों का कहना है कि मैदान के समीप ही जेट्रोफा का पेड़ लगा हुआ है और इस समय पेड़ में फल भी है। वहीं पर खेल रहे बच्चों की निगाह जब जेट्रोफा के फल पर गई तो मासूम बच्चों ने उसे बादाम समझ लिया और उसके बाद उसके फल को खाने लगे। देखते देखते खेल छोड़कर सभी बच्चे जेट्रोफा के फल को तोड़कर खाना शुरू कर दिए।
 
घर लौटे तो उल्टी दस्त से हो गए परेशान
बताया जा रहा है कि फल खाने के बाद सभी बच्चे शाम होने पर अपने घर लौट गए। घर लौटने पर कालोनी में पहुंचने पर ही कुछ बच्चों में उल्टी शुरू कर दिया। उल्टी होने पर बच्चे यह बात छुपाए रहे हालांकि जब सभी लोग घर पहुंचे तो धीरे-धीरे से भी बच्चे उल्टी करने लगे। एक-एक कर 16 बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। किसी अनहोनी की आशंका को भागते हुए परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस को सूचना दिया और एंबुलेंस से उनको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद डॉक्टरों द्वारा उनका प्राथमिक उपचार करते हुए गंभीर स्थिति को देखकर मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया। मंडलीय अस्पताल में पहुंचने के बाद बच्चों का उपचार प्रारंभ हुआ और अभी भी बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं।
 
बच्चों की उम्र 5 से 7 साल बताई जा रही
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरबी कमल का द्वारा बताया गया कि मंडलीय अस्पताल में 16 बच्चों को भर्ती कराया गया है और उनकी निगरानी में बच्चों का उपचार चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बच्चों की उम्र 5 से 7 साल है। परिजनों का कहना है कि काले फल को बादाम समझ कर बच्चों ने खा लिया था उसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। फिलहाल उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों की हालत खतरे से बाहर है हालांकि उपचार जारी है।

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