मध्य प्रदेश

CJ की मीटिंग के मुख्य मासोदे,फर्जी डिग्री लेने वाले विद्यार्थी पर एक्शन और दीक्षांत समारोह की स्वीकृति

भोपाल

राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालaय की सामान्य परिषद की बैठक कल जबलपुर में रखी गई है। ये बैठक मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलीमथ ने तलब की है। बैठक में खास दो मुद्दों पर निर्णय लिया जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा जरुरी फर्जी डिग्री लेने 221 विद्यार्थी पर एक्शन और दीक्षांत समारोह की स्वीकृति दिया जाना है।  

जबलपुर में रखी है परिषद की बैठक
एनएलआईयू की सामान्य परिषद की बैठक कल मप्र स्टेट ज्यूडिसियल एकेडमी जबलपुर में रखी गई है। बैठक में एनएलआईयू में फर्जी डिग्री लेने वाले 221 विद्यार्थियों की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभय कुमार गोहिल ने तैयार की है। इसमें उन्होंने 221 विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री लेने में लिप्त पाया है। उक्त फर्जीवाडे में करीब एक दर्जन प्रोफेसर, अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। फर्जी डिग्री लेकर करीब 13 विद्यार्थी प्रदेश की निचली अदालतों में पदस्थ हैं। इसलिये चीफ जस्टिस मलीमथ ने प्रकरण को काफी गंभीरता से लिया है। हालांकि पूर्व न्यायाधीश की रिपोर्ट का रिव्यू कराने के लिए हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके जैन को कहा गया गया था, लेकिन उन्होंने रिव्यू करने से इंकार कर दिया है। इसलिये पूर्व जज गोहिल की रिपोर्ट को दोबारा से चीफ जस्टिस मलिमथ के सामने रखा जाएगा। हालांकि एनएलआईयू ने फर्जी डिग्री लेने वाले 221 विद्यार्थियों की दोबारा से परीक्षाएं करा ली हैं, लेकिन अभी तक उनके रिजल्ट सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। चीफ जस्टिस मलिमथ कल की बैठक में उचित निर्णय करेंगे।

रिपोर्ट में एक दर्जन दोषी
हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय कुमार गोहिल की जांच रिपोर्ट में प्रो. गयूर आलम, उदय प्रताप सिंह, तपन रंजन मोहंती और डिप्टी रजिस्ट्रार रवि पांडे, रंजीत सिंह, विनय सिंह, चपरासी नारायण प्रसाद, अंकित शर्मा, मोनिका राजे और धीरेंद्र सिंह को दोषी पाया गया है। चीफ जस्टिस मलीमथ पूर्व जज गोहिल की रिपोर्ट पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिऐ निर्देशित कर सकते हैं।

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