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 वैज्ञानिकों की चेतावनी- कोरोना के पुराने वैरिएंट अब भी हैं बाकी, मच सकती है दोबारा तबाही, स्टडी में दिखे प्रमाण

नई दिल्ली 
कोरोना को लेकर अगर आप निश्चिंत हो चुके हों तो संभलने का समय आ गया है. इसे लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा है कि बीमारी फिलहाल ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बनी रहेगी. ऐसे में अगर अभी लापरवाही हुई तो मुश्किल बढ़ सकती है. खासकर तब जबकि कोरोना के पुराने वैरिएंट भी अब तक बने हुए हैं. प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) में छपे अध्ययन में माना गया कि हिरणों में कोरोना के पुराने वैरिएंट अब भी सर्कुलेट हो रहे हैं, जो कि इंसानों तक दोबारा पहुंच सकते हैं. 
 
साल 2020 की शुरुआत में चीन से निकलकर कोरोना जब दुनिया में फैलने लगा तो इसने अपने रूप में कई बदलाव किए. पहले टाइप को अल्फा नाम दिया गया, जिसके बाद बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन आए. फिजिक्स या मैथ्स की तरह सुनाई देने वाले इस वैरिएंट्स ने दुनिया में खूब तबाही मचाई. WHO ने इन्हें वैरिएंट ऑप कन्सर्न कहा यानी जिसपर चिंता करने की जरूरत है. वहीं कुछ ऐसे वैरिएंट भी आए, जो घातक या संक्रामक नहीं थे, उन्हें वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट कहा गया. इनपर नजर रखने की तो जरूरत थी, लेकिन घबराने की नहीं. 

वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट पर हुई हालिया स्टडी कहती है कि म्यूटेशन के बाद ये खत्म नहीं हुए, बल्कि हिरणों में उसी अवस्था में बने हुए हैं. कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसकी जांच के लिए दिसंबर 2021 से लेकर लगभग हाल तक के सैंपल लिए. अमेरिका और कनाडा के सफेद पूंछ वाले हिरण अल्फा और गामा वैरिएंट से संक्रमित पाए गए. 

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