मध्य प्रदेश

BCM ग्रुप के इंदौर, बेंगलुरू, मुंबई, कोलकाता में 45 ठिकानों पर छापा

इंदौर

इंदौर के बादलचंद मेहता (बीसीएम) ग्रुप पर आयकर विभाग ने रेड की है। इंदौर के सबसे बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों में शुमार बीसीएम ग्रुप के 45 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमों में छापा मार करोड़ों रुपए की कर चोरी सामने आने की संभावना है। यह ग्रुप इंदौर में दशकों से रियल एस्टेट के बड़े प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए पहचाना जाता है। इंदौर के साथ आसपास के शहरों में भी समूह से जुड़े भागीदारों और रेशो डील करने वाले भी आयकर की जांच के घेरे में हैं।  इंदौर के अलावा मुंबई, बैंगलुरू और कोलकाता में भी समूह से जुड़े लोगों के यहां जांच के लिए टीमें पहुंची हैं। इंदौर में पांच महीनों में शहर के पांचवें बड़े रियल एस्टेट समूह पर आयकर विभाग के अफसरों ने छापेमारी की है।  बीसीएम ग्रुप अकेला रियल एस्टेट समूह है जिसके नाम पर शहर में एक रोड का नाम भी दर्ज है।  छापेमारी के दौरान शैल कम्पनियों, बेनामी लेनदेन और रजिस्ट्री दस्तावेजों में हेरफेर पकड़ में आने की उम्मीद है।  बीसीएम ग्रुप रियल एस्टेट, वॉस्पिटालिटी एजूकेशन और एफएमसीजी के बाद नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की टीम बीसीएम हाइट स्थित बीसीएम रियलिटी के आॅफिस, संचालकों के ठिकानों पर पहुंची है।

ग्रुप के इन प्रोजेक्टस पर चल रहा काम
इंदौर में बीसीएम प्राइड बीसीएम पार्क, बीसीएम जोडियक मॉल जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इससे पहले समूह बीसीएम प्राइड, बीसीएम आर्केड, बीजीएम पेराडाइज बीसीएम प्लेनेट, बीसीएम सिटी जैसे प्रोजेक्ट पूरे कर चुका हैं। एअरपोर्ट-पीथमपुर रोड पर जैनोद की जमीन पर बीसीएम टाउनशिप पर काम कर रहा है।

गाइडलाइन वैल्यू और बाजार वैल्यू में फर्क नेताओं-अफसरों के निवेश की भी आशंका
आयकर सूत्रों के अनुसार इस ग्रुप द्वारा किए जाने वाले कारोबार में बाजार मूल्य और कलेक्टर गाइडलाइन मूल्य के भारी हेरफेर किया जाता है। कई स्थानों पर कलेक्टर गाइडलाइन से चार गुना तक मूल्य पर प्रोजेक्ट कास्ट तय कर लोगों को रजिस्ट्री कराई गई है। आयकर विभाग ने इसकी तहकीकात और दस्तावेज रिकार्ड करने के बाद इस ग्रुप पर कार्यवाही की जा रही है। इस ग्रुप की लोकप्रियता के चलते इसमें कई बड़े अधिकारियों और राजनेताओं का भी पैसा लगा होने की बात कही जा रही है। ग्रुप की शैल कम्पनियों और अन्य लेखा विवरणियों में भी हेरफेर की आशंका अफसरों ने जताई है।

पिछले माह यहां पड़े थे छापे
इंदौर में दिसम्बर 2022 में रियल एस्टेट समूह स्काय अर्थ और हाई लिंक ग्रुप के यहां छापेमारी हुई थी। स्काय अर्थ समूह के सत्यसाईं चौराहा स्थित मुख्य दफ्तर समेत डायरेक्टर के रूप में जुड़े सागर चावला, निम्मी चावला और गोविंद चावला के साथ नीरज सचदेवा के यहां भी जांच हुई थी। हाई लिंक ग्रुप से जुड़े वीरेंद्र गुप्ता व उनके परिवार के ठिकानों पर विभाग ने जांच की थी। इन दोनों समूह से जुड़े संजय कासलीवाल, रमेश खेमानी समेत कुछ ब्रोकर भी जांच के दायरे में आए थे।

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