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राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा: सीतारमण

नईदिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए कर प्राप्तियों का बजट 23.3 लाख करोड़ रुपये है और राज्यों को राजकोषीय घाटे के रूप में सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत की अनुमति होगी।

सीतारमण ने लोकसभा में 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि 2023-24 में राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार उधार 11.8 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

उन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान में 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बरकरार रखा और अगले वित्त वर्ष के लिए इसे घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.4 प्रतिशत पर आंका था।

2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा या व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 16,61,196 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। देश का राजकोषीय घाटा 2021-22 के लिए पहले के अनुमानित 6.8 प्रतिशत की तुलना में 6.9 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान लगाया गया था।

2021-22 के लिए संशोधित अनुमान 15,06,812 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले 15,91,089 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का संकेत देते हैं।

मंत्री ने दो साल से 2025 तक के लिए दो लाख रुपये की अधिकतम जमा सीमा और 7.5 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ एक नई बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि 2023-24 के भीतर राज्य सरकारों को 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण पूंजीगत व्यय पर खर्च करना होगा।
मंत्री ने घोषणा की कि मासिक आय योजना की सीमा दोगुनी होकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खातों के लिए 15 लाख रुपये की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से हरित गतिशीलता और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा मिलेगा।

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