देश

चीन के खिलाफ भारत को ‘गढ़ ‘ बनाने की तैयारी में अमेरिका

वॉशिंगटन
 भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा रक्षा सौदा हुआ है। कहा जा रहा है कि इस डील के बाद दोनों देशों के रिश्‍ते एक कदम और आगे बढ़ जाएंगे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की तरफ से ऐलान किया गया है कि भारत के लिए जीई मिलिट्री इंजन को मंजूरी दे दी गई है। 98 किलो न्‍यूटन थर्स्‍ट वाला जीई-414 इंजन फाइटर जेट्स के लिए रीढ़ की हड्डी होता है। बाइडन प्रशासन को उम्‍मीद है कि इस डील के बाद चीन के खिलाफ मिलिट्री उपकरणों, सेमीकंडक्‍टर्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का एक मजबूत घेरा तैयार हो सकेगा।

तेजस को मिलेगी ताकत
भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और निजी क्षेत्र की एक और कंपनी के साथ मिलकर इस इंजन को देश में ही तैयार किया जाएगा। GE-414INS6 इंजन लाइट कॉम्‍बेट जेट (LCA) तेजस के मार्क II वर्जन को ताकत देगा। इस वर्जन को अगले साल तक लॉन्‍च कर दिया जाएगा। साल 2024 के अंत से यह जेट उड़ान भरने लगेगा।

अधिकारियों की मानें तो यह डील कई एयरक्राफ्ट के बदलाव के लिए एक बड़ा मौका होने वाली है। उनका कहना है कि यह डील असल में एक गेम चेंजर है। उनकी मानें तो इस तरह का समझौता अभी तक किसी और के साथ कहीं नहीं हुआ है।

भारत को मिलेगी टेक्‍नोलॉजी
इस डील की सबसे अहम बात है ट्रांसफर ऑफ टेक्‍नोलॉजी जिस पर अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है। लेकिन सूत्रों की मानें तो जीई-414 इंजन को भारत में 100 फीसदी टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर के साथ तैयार किया जाएगा। कहा जा रहा है कि भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल की अमेरिका यात्रा के दौरान ही इस समझौते पर मोहर लग सकती है।

भारत-अमेरिका के रिश्‍ते
अधिकारियों के मुताबिक भारत में एक महाशक्ति बनने की सारी संभावनाएं हैं। वह एक ऐसा देश बन चुका है जो किसी भी देश के करीब नहीं है। लेकिन हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े हित इसे अमेरिका के करीब कर रहे हैं। यह वह हिस्‍सा है जहां पर चीन काफी आक्रामक हो गया है। वह हर पल इस क्षेत्र का फायदा उठाने को बेकरार है।

अमेरिका चाहता है कि चीन की हुआवे टेक्‍नोलॉजी के खिलाफ दूसरे देशों की कंपनियों को तैयार किया जाए। इसके लिए वह भारत के कंप्‍यूटर चिप स्‍पेशलिस्‍ट्स को अमेरिका बुलाने के लिए तैयार है। साथ ही भारत और अमेरिका की कंपनियों को आर्टिलरी सिस्‍टम जैसे सैन्य उपकरणों पर खर्च करने के लिए प्रोत्‍साहित करने को उत्‍सुक है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button