दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा जिले में हत्या और आगजनी से जुड़े नौ मामलों में आरोपी वांटेड नक्सली ने मंगलवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 35 वर्षीय नक्सली राजू लेकम पड़ोसी बीजापुर जिले के भैरमगढ़ क्षेत्र में माओवादियों की जनताना सरकार इकाई के प्रमुख के रूप में सक्रिय था और पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। पुलिस के सामने हथियार डालने पर राजू ने कहा कि वह पुलिस के पुनर्वास अभियान 'लोन वर्राटू ' से प्रभावित हैं और 'खोखली' माओवादी विचारधारा से निराश हैं।
नक्सली के सरेंडर की पुष्टि करते हुए अधिकारी ने बताया कि राजू लेकम एक दशक से अधिक समय से प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा हुआ था। हत्या, पुलिस टीमों पर हमले और क्षेत्र में रेलवे पटरियों को उखाड़ने सहित नौ घटनाओं में शामिल था। अधिकारी ने कहा कि लेकम दक्षिण बस्तर में 2013 और 2020 के बीच अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की हत्या के सिलसिले में वांटेड था। राजू के ऊपर 1 लाख से अधिक का इनाम घोषित था।
उन्होंने कहा कि जून 2020 में शुरू किए गए पुलिस के 'लोन वर्राटू' यानी घर वापसी अभियान के तहत जिले में अब तक 592 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 150 इनामी नक्सली घोषित थे। सुरक्षाबलों को अभियान में बड़ी सफलता मिल रही है।
लोन वर्राटू' पहल के जरिए दंतेवाड़ा पुलिस ने कम से कम 1,600 माओवादियों के पैतृक गांवों में पोस्टर और बैनर लगाए हैं। जिनमें से ज्यादातर पर नगद इनाम घोषित है। पुलिस ने उनसे वापस लौटने की अपील की है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को उनके पुनर्वास के लिए विभिन्न विषयों में कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। अभियान को अब तक व्यापक सफलता मिली है। पुलिस टीम सरेंडर करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में वापस जोड़ रही है।