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दुनिया आगे बढ़ रही पर 10 साल पीछे लौट रहा है पाकिस्तान, पुलिस पर क्यों हमला कर रहे आतंकी?

 इस्लामाबाद 

पाकिस्तान पुलिस मुख्यालय में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं जिनमें 97 पुलिसकर्मी शामिल हैं। पुलिस चीफ ने कहा कि यह हमला टारगेटेड था। बता दें कि सोमवार को पेशावर के प्रांतीय परिसर स्थित मस्जिद में दोपहर की नमाज के लिए 300 से 400 पुलिसकर्मी इकट्ठे हुए थे। इसी दौरान इतना भयंकर धमाका हुआ कि एक दीवार छत सहित उड़ गई। सिटी पुलिस चीफ मुहम्मद इजाज खान ने कहा, 'हम आतंकियों के खिलाफ आगे रहकर मोर्चा संभालते हैं इसलिए हमें ही टारगेट किया जा रहा है। उनका उद्देश्य हमें हतोत्साहित करना था।'

मंगलवार को मैराथन ऑपरेशन खत्म हुआ। बताया जा रहा है कि 37 अन्य लोगों की हालत भी गंभीर है। पाकिस्तान की एक जानकार ने एएफपी को बताया, पाकिस्तान में फिर से आतंक चरम पर पहुंच गया है। एक दशक पहले यही हाल था। अगर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी खराब हो जाएगी। हाल में हुए ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी आईएस लेता रहा है। पिछले साल पेशावर में एक मस्जिद में हमला हुआ था जिसमें 64 लोगों की जान चली गई थी। 

इस हमले ने पाकिस्तान को हिलाकर रख खदिया है। इसके बात सीमाई क्षेत्रों से सटे इलाकों को अलर्ट कर दिया गया है। इस्लामाबाद में इमारतों के ऊपर स्निपर तैनात किए गए हैं। बता दें कि यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान सोमवार को ही पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले थे। उसी दिन पाकिस्तान में इतना भयंकर हमला हुआ। हालांकि मोहम्मद बिन ने अपनी यात्रा मौसम खराब होने की वजह से पहले ही टाल दी थी। 

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुलिस फोर्स हेड ने बताया कि हमलावर कम से कम 10-12 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री के साथ मस्जिद में घुसा था। इसके पीछ पाकिस्तान तालिबान या फिर उससे जुड़े किसी अन्य संगठन का हाथ हो सकता है। इस हमले में घायल हुए एक पुलिसकर्मी ने बताया कि वह सात घंटे तक लाशों के ढेर में दबा रहा। उसकी टांग ट टूट गई थी। उसने जीने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। एक अन्य पुलिसकर्मी ने कहा, जब मैंने काला धुआं देखा तो भागकर मस्जिद के बाहर आ गया। 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी कहा कि आतंकी अपनी ड्यूटी करने वाले जवानों को डराने के लिए  हमला करत हैं। वहीं पाकिस्तान तालिबान की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि इस हमले के पीछे उसका हाथ नहीं है। बता दें कि पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान  पाकिस्तन फिर से सिर उठा रहा है। यह वहां की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। हाल ही में यह आतंकी संगठन कई हमले कर चुका है। हालांकि मस्जिद में होने वाले हमलों की जिम्मेदारी टीटीपी ने कभी नहीं ली। 
 

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