दिल्ली

 प्रदूषण के स्रोतों की होगी रियल टाइम पहचान, केजरीवाल बोले- हर घंटे पता चलेगा कहां, किस वजह से पॉल्यूशन

नई दिल्ली
 दिल्ली में अब एक निश्चित समय पर प्रदूषण के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। सोमवार से रियल टाइम आधार पर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने की शुरूआत हो गई है। ऐसा करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है। एसबीवी राउज एवेन्यू स्कूल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रियल टाइम बेसिस पर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान के लिए सुपर-साइट और मोबाइल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन का शुभारंभ किया।

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हमें रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी से हर घंटे पता चलेगा कि कहां, किस वजह से प्रदूषण है और अगले तीन दिन का घंटे के आधार पर फोरकास्ट भी पता चलेगा। इससे हमें किसी एरिया में वाहन, इंडस्ट्री और बायोमास बर्निंग की वजह से होने वाले प्रदूषण का पता चलेगा और उससे लड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रियल टाइम पर प्रदूषण के विश्लेषण से पता चलता है कि दिल्ली में बाहर का प्रदूषण एक तिहाई है, जबकि बायोमास का एक चौथाई और वाहनों का 17-18 फीसदी है। हमने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए ईवी पॉलिसी लांच की, हजारों नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदी और ट्री कवर बढ़ाकर 23.6 फीसदी करने के साथ रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन चलाया। इन प्रयासों की वजह से पिछले पांच साल की तुलना में इस साल दिल्ली में प्रदूषण सबसे कम रहा। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, पर्यावरण सलाहकार रीना गुप्ता और संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
 
2025 तक दिल्ली में 80 फीसद बसें होंगी इलेक्ट्रिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 2025 तक करीब 11 हजार बसें हो जाएंगी। इसमें से करीब 80 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक होंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों व फुटपाथ की रोज मैकेनाइज्ड स्वीपिंग की जाएगी, सड़कों को रोज धोया जाएगा। इससे प्रदूषण बहुत कम होगा। झाड़ू लगाने के दौरान दिल्ली की सड़कों के उपर से मिट्टी उड़ती है। सड़क पर मिट्टी होने के दौरान जब वाहन चलते हैं, तब भी मिट्टी उड़ती है। अगर हम उस मिट्टी को साफ कर देंगे, तो इससे प्रदूषण पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।

वार्ड स्तर पर भी लगा सकेंगे प्रदूषण के स्रोत का पता
केजरीवाल ने कहा कि रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी हर घंटे हमें बताएगा कि किस वक्त दिल्ली की हवा में किस वजह से कितना प्रदूषण है। जिसके बाद हम उसे रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं। जैसे एक वार्ड के अंदर धूल की वजह से प्रदूषण ज्यादा है, तो पता किया जाएगा कि वहां किस वजह से धूल उड़ रही है और धूल को नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी। इसी तरह किसी वार्ड के अंदर इडस्ट्रीयल उत्सर्जन ज्यादा है, उसको ठीक करने की कोशिश की जाएगी दिल्ली में बायोमास बर्निंग से लगभग एक चौथाई प्रदूषण होता है।
 
चलाई जायेगी मोबाइल बैन
केजरीवाल ने कहा कि हम एक मोबाइल वैन भी चालू कर रहे हैं। मोबाइल वैन सफल होती है, तो हम ऐसी कई वैन खरीद सकते हैं और दिल्ली के अलग-अलग कोने में खड़े कर देंगे। हॉटस्पॉट एरिया में प्रदूषण क्यों ज्यादा है, यह पता चलता रहेगा और फिर उस विशेष स्रोत के उपर ध्यान देकर प्रदूषण कम करने की कोशिश करेंगे।
 
एनसीआर के साथ तैयार करेंगे प्लान : गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि रियल टाइम प्रदूषण के सोर्स को जाना जा सके और उसके अनुसार समाधान का रास्ता बनाया जा सके, उसके लिए यह स्टेशन बनाया गया है। साथ ही मोबाइल वैन भी लॉंच की गई है, जो अलग-अलग हॉटस्पॉट पर जाकर वहां के प्रदूषण के कारणों का पता लगाएगी। भविष्य में आईआईटी कानपुर व आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों की सलाह और निर्देशन के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे। चूंकि, इसमें रियल टाइम के आधार पर वाहन, धूल, बायोमास बर्निंग व लोकल प्रदूषण आदि की जानकारी मिलेगी, इससे हमें वैज्ञानिक डाटा मिलेगा। इसी के आधार पर हम एनसीआर की सरकारों के साथ बातचीत कर प्रदूषण को नियत्रित करने के लिए प्लान करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button