‘अमेरिका-चीन के बीच होगा भीषण युद्ध’, एयरफोर्स जनरल बोले- सिर पर निशाना लगाने की करो तैयारी
वॉशिंगटन
अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ सालों से संबंध तल्ख बने हुए हैं। दोनों देश ताइवान, साउथ चाइना सी समेत कई मुद्दों पर एक-दूसरे की विचारधारा के खिलाफ हैं। इस बीच, अमेरिकी एयरफोर्स के सीनियर जनरल ने दावा किया है कि साल 2025 में दोनों देशों के बीच भयंकर युद्ध हो सकता है। चार सितारा अमेरिकी जनरल माइक मिनिहान ने कहा है कि यह युद्ध ताइवान को लेकर होगा और अपने कमांडरों से आग्रह किया है वे इस साल अधिकतम युद्ध तत्परता को हासिल करने के लिए अपनी यूनिट्स को पुश करें। इस बाबत उन्होंने एक इंटरनल मेमो लिखा, जोकि पहले सोशल मीडिया पर सामने आया और बाद में पेंटागन ने उसके वास्तविक होने की पुष्टि की। मेमो से पता चला है कि उन्होंने कमांड कर्मियों को सिर पर निशाना लगाने की तैयारी करने के लिए कहा है।
'लक्ष्य चीन को हराना होना चाहिए'
सामने आए मेमो में एयर मोबिलिटी कमांड के प्रमुख जनरल माइक मिनिहान ने कहा कि मुख्य लक्ष्य और यदि आवश्यक हो, तो चीन को हराना होना चाहिए। उन्होंने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि मैं गलत हूं, लेकिन मेरी अंतरात्मा कहती है कि साल 2025 में हमारी (अमेरिका-चीन) की लड़ाई होगी।'' तर्क देते हुए मिनीहान ने कहा कि अगले साल ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सैन्य आक्रामकता का बहाना देंगे। मेमो में सभी मोबाइल कमांड कर्मियों को फायरिंग रेंज में जाने के लिए एक लक्ष्य में 'एक क्लिप फायर' करने और 'सिर पर निशाना लगाने' का भी आह्वान किया गया है।
जानिए मेमो में और क्या-क्या कहा गया
हस्ताक्षरित मेमो में एयर मोबिलिटी कमांड के सभी एयर विंग कमांडरों और वायु सेना के अन्य कमांडरों को संबोधित किया गया है। आदेश दिया गया है कि सभी 28 फरवरी तक मिनिहान को चीन की लड़ाई की तैयारी के सभी प्रमुख प्रयासों की रिपोर्ट दें। मिनिहान ने उनसे प्रशिक्षण में कुछ जोखिम स्वीकार करने के लिए कहा है। मेमो में कहा गया, "जानबूझकर दौड़ें, लापरवाही से नहीं।" वह आगे मेमो में कहते हैं कि यदि आप प्रशिक्षण के लिए अपने दृष्टिकोण में सहज हैं, तो आप पर्याप्त जोखिम नहीं उठा रहे हैं।
पुष्टि कर पेंटागन बोला- हां, यह सही है
पेंटागन के एक प्रवक्ता ने मेमो के बारे में एएफपी के ईमेल क्वेरी का जवाब देते हुए कहा, "हां, यह तथ्य है कि उन्होंने इसे भेजा है।" वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने हाल के महीनों में कहा है कि चीन ताइवान पर नियंत्रण करने के लिए अपनी समय सीमा को तेज करता हुआ दिखाई देता है। चीन ने पिछले साल अगस्त में बड़ा सैन्य अभ्यास किया था, जिसे तत्कालीन हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी द्वारा ताइपे की एकजुटता की एक यात्रा के बाद एक आक्रमण के परीक्षण के रूप में देखा गया। अमेरिका ने साल 1979 में मान्यता को ताइपे से बीजिंग में बदल दिया लेकिन ताइवान को आत्मरक्षा के लिए हथियार बेचता रहा है। अमेरिकी सांसदों ने ताइवान को सीधे सैन्य सहायता भेजने सहित सहायता बढ़ाने का आह्वान किया है।