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सिख सैनिकों के हेलमेट पर विवाद, विरोध की चेतावनी, जत्थेदार बोले- यह अस्वीकार

 नई दिल्ली 

पगड़ीधारी सिख सैनिकों की सुरक्षा के लिए खास हेलमेट के प्रस्ताव ने विवाद खड़ा कर दिया है। धार्मिक गुरुओं से लेकर राजनीतिक हस्तियां इसका विरोध कर रही हैं। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने पगड़ीधारी सिख सैनिकों के लिए बैलिस्टिक हेलमेट का प्रस्ताव रखा था। अब कुछ सिख संगठन और अकाल तख्त जत्थेदार इसके खिलाफ खड़े हो गए हैं। खबर है कि इस मॉडर्न हेडगियर को अस्वीकार बताया जा रहा है। खास बात है कि सिख धर्म में पुरुषों को पगड़ी पहनना, दाढ़ी और बाल काटने की अनुमति नहीं होती। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिखों को हेलमेट पहनने से मना कर दिया। एक वीडियो मैसेज के जरिए उन्होंने इसे सिख कोड के खिलाफ बताया है।

उन्होंने कहा, 'सिख की तरफ से सिर पर पहना जाने वाला दस्तर केवल 5-7 मीटर का कपड़ा नहीं है, बल्कि गुरुओं का दिया हुआ ताज है… और सिखों का प्रतीक है।' उन्होंने कहा कि सिख पहचान के ढकने के किसी भी प्रयास को उनकी पहचान को खत्म करने की कोशिश के रूप में देखा जाएगा। इसके अलावा कनाडा में रहने वाली एक महिला का अविष्कार भी निशाने पर है। उन्होंने सिख बच्चों के लिए मल्टिस्पोर्ट हेलमेट तैयार किया था।

रक्षा मंत्रालय ने 5 जनवरी को सिख सैनिकों के लिए 12 हजार 730 बैलिस्टिक हेलमेट्स के लिए टेंडर या रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल निकाले थे। ये हेलमेट सैनिक के पूरे चेहरे को कवर करेंगे। प्रस्ताव में विशेष तौर पर कहा गया है कि 8 हजार 911 स्वदेशी हेलमेट 'लार्ज' और 3 हजार 819 'एक्स्ट्रा लार्ज' हों। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी हेलमेट को सिख पहचान पर हमला बताया है। साथ ही उन्होंने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
 

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