जगदलपुर
छत्तीसगढ़ किसानों के लिए इस साल की नए साल की शुरूआत बड़ी धमाकेदार रही। साल का पहला तथा कृषि क्षेत्र का देश का बेहद प्रतिष्ठित माना जाने वाला फार्म एन फूड नेशनल अवार्ड-2022 अवार्ड बस्तर छत्तीसगढ़ के मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के खाते में गया। यह पुरस्कार 6 जनवरी को कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती व आचार्य नरेंद्र देव कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भव्य राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदान किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के कृषि तथा उद्यानिकी के उच्चाधिकारी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों के साथ ही कृषि के क्षेत्र के देशभर के चुनिंदा नवाचारी किसान तथा क्षेत्र के बहुसंख्य प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की ओर से इस संस्था के संस्थापक प्रमुख डॉ राजाराम त्रिपाठी ने यह प्रतिष्ठित अवार्ड ग्रहण किया। डॉ त्रिपाठी इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भी थे।
उल्लेखनीय है हर्बल या आर्गेनिक व्यवसाय से जुड़ी देश की बड़ी कंपनियां जंगली जड़ी-बुटियों का भारी मात्रा में दोहन तो कर रही हैं लेकिन उनके संरक्षण की दिशा में उनका योगदान नगण्य है, इसकी वजह से जुड़ी बुटियों की ढेर सारी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है. ऐसी विलुप्त हो रही जुड़ी-बुटियों को संरक्षित करने का महती कार्य वे कर रहे हैं. उनके इन योगदान को देखते हुए उन्हें की अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार जिनमें ग्रीन वारियर भी शामिल हैं, से नवाजा गया हैं.
इन्होंने पूर्णता जैविक पद्धति से देश के हर भाग में न्यूनतम देखभाल के साथ खेती करने योग्य एवं परंपरागत प्रजातियों से ज्यादा उत्पादन देने वाली और बेहतर गुणवत्ता की 1-कालीमिर्च की नई प्रजाति मां दंतेश्वरी काली मिर्च-16, पीपली की नई प्रजातिमां दंतेश्वरी पीपली -16 एवं स्टीविया की नई प्रजाति मां दंतेश्वरी स्टीविया-16 आदि प्रजातियों का विकास भी किया है। डॉ त्रिपाठी देश के पहले ऐसे किसान हैं,जिन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ किसान होने का अवार्ड तीन-तीन बार ,भारत सरकार के कृषि मंत्री के हाथों मिल चुका है,अब तक देश-विदेश से उन्हें 150 से अधिक अवार्ड मिले हैं।