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कोरोना के सबवैरिएंट XBB को लेकर रिसर्च में आई बड़ी जानकारी सामने

 नई दिल्ली 
कोरोना का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह से एक बार फिर से चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं उसने दुनियाभर के देशों के मुश्किल को बढ़ा दिया है। लेकिन इस बीच एक अच्छी रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट और XBB पर के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर जो शोध किया गया है उसमे यह बात सामने आई है कि इस वैरिएंट के बहुत कम लक्षण मरीजों में देखने को मिले हैं। 6 महीने के शोध के बाद रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संक्रमण से 97 फीसदी लोग ठीक हुए हैं।
 
बता दें कि XBB वैरिएंट पिछले साल अगस्त माह में सामने आया था, जोकि भारत एशिया के देशों में बहुत तेजी से बढ़ा था। यह शोध बीजे मेडिकल कॉलेज, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ विरोलोजी और इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजूकेशन एंड रिसर्च पुणे के विशेषज्ञों ने मिलकर किया है। इसमे 494 मरीजों का विश्लेषण किया गया जोकि ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2.10, BA.2.38, BA.2.75, BA.5, BQ.1, और XBB से संक्रमित थे।
 
शोध में यह बात सामने आई है कि तकरीबन 97 फीसदी मरीज जो इस वैरिएंट से संक्रमित हुए थे वह ठीक हो गए। ओमिक्रॉन के अन्य सब वैरिएंट की तुलना में XBB से बहुत ही हल्का कोरोना संक्रमण लोगों में हुआ। शोधकर्ताओं का कहना है कि XBB डेल्ट वैरिएंट की तुलना में कम पैथोजेनिक है। डेल्टा वैरिएंट ने 2021 में भारत में काफी तबाही मचाई थी, जिसमे बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई थी।

BA.2.75 की तुलना में XBB वैरिएंट कम खतरनाक था। BA.2.75 के 66.6 फीसदी अपने आप घर में ठीक हो गए, जबकि BA.2.38 के 75 फीसदी मरीज अपने आप ठीक हो गए। वहीं XBB के 78.8 फीसदी मरीज घर में अपने आप ठीक हो गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं 19.05 फीसदी BA.2.38 के संक्रमितों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, वहीं 6.46 फीसदी BA.2.75 के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। वहीं XBB के संक्रमितों की बात करें तो सिर्फ 4.7 फीसदी को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी।

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