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कोविड पर चीन की चाल से सांसत में हॉन्गकॉन्ग वासियों की जान, रातों-रात खाली कर डाली दवाइयों की दुकान

हॉन्गकॉन्ग
कोविड संक्रमण से बेहाल चीन ने आज (रविवार) से हॉन्गकॉन्ग की सीमा फिर से खोलने का फैसला किया है। लेकिन इस फैसले ने हॉन्गकॉन्ग के लोगों को चिंतित कर दिया है। यूएस स्थित वॉयस ऑफ अमेरिका (VOA) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस रविवार (08 जनवरी) को चीन-हॉन्गकॉन्ग सीमा फिर से खुलने के बाद हॉन्गकॉन्ग के लोग चीन से कोविड म्यूटेंट स्ट्रेन के संभावित खतरे से चिंतित और डरे हुए हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी डर का आलम यह है कि हॉन्गकॉन्ग के नागरिकों ने ऐहतियातन पहले ही देशभर की दवा की दुकानें खाली कर दी हैं और गैर पर्ची वाली सभी दवाइयां जमा कर ली हैं, ताकि कोविड संक्रमण के मामले में शुरुआती लक्षणों से निपटा जा सके। चीन सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह कोविड के प्रसार को रोकने के लिए तीन साल बाद 8 जनवरी को हॉन्गकॉन्ग की अपनी सीमा को फिर से खोल देगी।

चीनी सरकार के नए आदेश के मुताबिक, रविवार से 60,000 लोगों को प्रतिदिन बिना क्वारंटीन के चीन-हॉन्गकॉन्ग सीमा पार करने की अनुमति दी जाएगी। उधर, सीमा को फिर से खोलने से पहले घबराहट में दवाओं की खरीद के कारण हॉन्गकॉन्ग में कई फार्मेसी दुकानों ने सर्दी-बुखार, दर्द निवारक और उल्टी-दस्त की गैर-पर्चे वाली दवाओं की खरीद पर कोटा लगा दिया है। हॉन्गकॉन्ग की स्थिति चीन जैसी ही है जहां अधिकारी फार्मेसियों को छोटे पैकेज में दवाएं बेचने के लिए कह रहे हैं ताकि अधिक लोग उन्हें खरीद सकें।

वॉयस ऑफ अमेरिका ने बताया कि हॉन्गकॉन्ग में राहत की बात यह है कि सीमा खुलने के बाद चीन से आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पर्यटक यातायात बढ़ेगा, लेकिन इस बात की भी चिंता है कि आगंतुकों के साथ कोविड वैरिएंट भी आ सकते हैं।

फिलहाल, हॉन्गकॉन्ग के लोग जो भी दवा उपयोगी समझते हैं, उसे खरीद रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग के मुख्य कार्यकारी जॉन ली ने दिसंबर में घोषणा की थी कि वह चीन से आने वालों के लिए अनिवार्य पीसीआर परीक्षण का आदेश रद्द कर देंगे, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, भारत, स्पेन, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान समेत कई देशों ने चीनी नागरिकों के आगमन पर यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। जब से चीनी सरकार ने जीरो कोविड पॉलिसी हटाई है, चीन में कोरोना संक्रमण के मामलो में काफी उछाल आया है।
 

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