विश्व

मुक्त व्यापार और अर्थव्यवस्थाओं से तानाशाही ताकतें और ज्यादा मजबूत हुई:जापान

टोक्यो
जापान के व्यापार और उद्योग मंत्री यासुतोषी निशिमूरा ने कहा है कि अमेरिका और उसके जैसी सोच रखने वाले दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक नई वैश्विक व्यवस्था बनाने के प्रयास करने चाहिए. वॉशिंगटन के सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्ट्डीज में एक भाषण में निशिमूरा ने कहा कि मुक्त व्यापार और अर्थव्यवस्थाओं से तानाशाही ताकतें और ज्यादा मजबूत हुई हैं.

निशिमूरा ने कहा, "तानाशाही देशों ने अकूत आर्थिक और सैन्य ताकत जमा कर ली है. हमें एक नई वैश्विक व्यवस्था बनानी चाहिए जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून के राज जैसे मूलभूत मूल्यों पर आधारित हो.”

बदल रहा है जापान

जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा अगले हफ्ते अमेरिका का दौरा करने वाले हैं, जिससे पहले निशिमूरा वहां पहुंचे हुए हैं. किशिदा अमेरिकी नेताओं से यूक्रेन युद्ध के अलावा उत्तर कोरिया और चीन के साथ जापान के तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. चीन-ताइवान तनाव भी चर्चा का विषय हो सकता है क्योंकि इस तनाव का जापान पर असर पड़ता है.

अगर यूक्रेन पर परमाणु बम गिरा दिया गया तो क्या होगा?

किशिदा ने इसी हफ्ते कहा था कि वह अमेरिका में देश की नई रक्षा नीति पर बात करना चाहेंगे जिसका मकसद चीन की रणनीति का मुकाबला करना है.जापान ने पिछले महीने ही नई और ऐतिहासिक रक्षा नीति का ऐलान किया जिसके तहत दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार होगा कि यह एशियाई देश सैन्य ताकत को बढ़ाने पर काम करेगा.

निशिमूरा की एकजुट होने की मांग उन चिंताओं की प्रतिध्वनि है जो अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी चीन और रूस को लेकर जाहिर करते रहे हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश कहते रहे हैं कि रूस ऊर्जा स्रोतों और सप्लाई के रास्तों पर अपने कब्जे का इस्तेमाल अमेरिका, जापान, यूरोप और अन्य ऐसे देशों के खिलाफ कर सकता है जो उसकी सैन्य महत्वाकांक्षाओं को विरोध करते हैं.

नई रणनीति पर चर्चा की जरूरत

निशिमूरा ने कहा है कि जी-7 देशों के नेता मई में हिरोशिमा में मिल सकते हैं, जहां इस रणनीति का मुकाबला करने पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा, "हमें ऐसे दबंग देशों की कमजोर नब्ज पहचाननी होगी जो धमकियों के जरिए काम करते हैं और फिर जरूरत पड़ी तो उनका मुकाबला करने के उपाय खोजने होंगे.”

निशिमूरा ने चेतावनी दी कि लोकतांत्रिक देशों को अपनी औद्योगिक ताकत की सुरक्षा करनी है और तकनीकों को खत्म होने से बचाना है, खासकर उन तकनीकों को जिनका सैन्य इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने आग्रह किया अमेरिक-जापान सहयोग सेमीकंडक्टर और बायोटेक्नोलॉजी से आगे बढ़कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वॉन्टम साइंस तक जाए.

उन्होंने यह भी वादा किया कि उनका देश निर्यात नियंत्रण के लिए मिलकर काम करेगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि जापान भी अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए प्रतिबंधों को हूबहू लगाएगा या नहीं. अमेरिका ने अक्टूबर में ही चिप निर्माण की मशीनरी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं.

निशिमूरा ने कहा, "यह अत्याधिक महत्वपूर्ण है कि निर्यात नियंत्रण के क्षेत्र में हम मिलकर काम करें. हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित कठोर निर्यात प्रतिबंध लगाएंगे.”

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