मध्य प्रदेश

राजधानी में तैनात IAS के खिलाफ हाई कोर्ट ने जारी किया अरेस्ट वारंट

जबलपुर

 मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल में तैनात एक आईएएस अफसर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.चुनाव याचिका में गवाही से जुड़े इस मामले में एक नायब तहसीलदार के विरुद्ध भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. हालांकि,दोनों के खिलाफ जारी वारंट जमानती (Bailable Arrest Warrant) है.

जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव से जुड़ी याचिका में सूचना के बावजूद नरसिंहपुर के पूर्व कलेक्टर और वर्तमान में लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक रोहित सिंह और भोपाल की नायब तहसीलदार प्रीति नागेंद्र के उपस्थित नहीं हुई. इस वजह से  दूसरी बार उनके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट की बेंच की ओर से जमानती वारंट जारी किया गया.

हाईकोर्ट ने 25 नवंबर को किया था वारंट जारी
जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने दोनों अधिकारियों को 6 जनवरी को सुबह 10.15 बजे हाजिर होने के निर्देश दिए. इसके पहले हाईकोर्ट ने 25 नवंबर को भी दोनों अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद मामला नियत होने पर भी सुनवाई नहीं हो पाई. चीफ जस्टिस के हस्तक्षेप के बाद चुनाव याचिका जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ में स्थानांतरित की गई.

इस मामले में भोपाल की नायब तहसीलदार और जबलपुर की तत्कालीन सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रीति नागेंद्र की गवाही भी अधूरी है. वहीं, तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी आईएएस रोहित सिंह के बयान भी दर्ज नहीं हो सके हैं.

याचिकाकर्ता जितेन्द्र अवस्थी ने याचिका में लगाया ये आरोप
दरअसल, याचिकाकर्ता जितेन्द्र अवस्थी 2018 के विधानसभा चुनाव में बरगी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अंतिम तिथि को नामांकन पत्र भरने के लिए जबलपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें पुलिस की मदद से कलेक्ट्रेट के बाहर करवा दिया. इसकी वजह से वे नामांकन पत्र नहीं भर पाए थे.

इसके बाद जितेंद्र अवस्थी ने आरटीआई के तहत उक्त घटना की वीडियो सीडी और अन्य दस्तावेज प्राप्त कर कोर्ट में पेश किए. उन्होंने याचिका में आरोप लगाया कि वो निर्धारित समय से पहले निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए थे. इसके बावजूद उन्हें नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया.

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