मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री चौहान ने एमपी में नई जल नीति एक माह में बनाने का किया ऐलान

भोपाल

25 साल के लिए वाटर विजन तैयार करने को लेकर भोपाल में शुरू हुई दो दिनी कांफ्रेंस में वर्चुअली शामिल हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने माइक्रो इरीगेशन और वाटर रिचार्जिंग पर जोर दिया है। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी में नई जल नीति एक माह में बनाने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वाटर विजन 2047 से निकलने वाले अमृत मंथन का पालन मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह करेगी। पानी बचाने में पेड़-पौधों का भी बहुत महत्व है। इसलिए वे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की सहमति से भोपाल के एक पार्क में यहां आए केंद्रीय मंत्रियों और सभी राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों को पौधा लगाने का न्यौता दे रहे हैं। यह पौधा वहीं लगाया जाएगा जहां वे पिछले दो साल से पौधरोपण कर रहे हैं। इस पार्क को अब वाटर विजन गार्डन का नाम दिया जाएगा जो सभी को जल संरक्षण के लिए पौधरोपण का संदेश देगा। यह पानी बचाने के मिशन में मील का पत्थर साबित होगा। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में वाटर विजन @ 2047 कार्यक्रम में सीएम चौहान ने कहा कि एक माह में हम मध्यप्रदेश की जल नीति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए प्रदेश में सिंचाई का काम नहरों के बजाय पाइप से पानी ले जाकर उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। पहले प्रदेश में 14 प्रतिशत घरों में नल जल जाता था और अब 47 प्रतिशत घरों तक पहुंच रहा है। सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश के बांधों में सिल्ट के कारण होने वाली दिक्कतों को समाधान करने पर जोर दिया जा रहा है। कई कम्पनियों ने डिसिल्टिंग की सरकार की प्रोसेस में मदद करते हुए कहा है कि बांधों की मिट्टी ले जाकर वे अपने काम में लाएंगे और बदले में सरकार को पैसे भी देंगे। उन्होंने प्रदेश में जल संरक्षण के लिए चलाए गए जलाभिषेक अभियान, बलराम तालाब, खेत तालाब समेत अन्य कार्यक्रमों की जानकारी भी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और सभी राज्यों के जल संसाधन विभाग के मंत्रियों को दी।  

माइक्रो इरीगेशन बढ़ाएं राज्य, भूजल रिचार्ज में तेजी लाएं: PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वाटर विजन @ 2047 अगले 25 वर्षों की यात्रा का महत्वपूर्ण विजन है। सरकार के अकेले प्रयासों से सफलता नहीं आती है। सभी राज्यों की सरकारों को माइक्रो इरीगेशन को बढ़ावा देना चाहिए। भू जल रिचार्ज के लिए सभी जिलों में वाटरशेड का काम तेजी से करने की जरूरत है। इसलिए जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में जनता जनार्दन, सिविल सोसाइटी, सामाजिक संगठनों को भी ज्यादा से ज्यादा जोड़ना होगा। जनभागीदारी का सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि अभियान के बारे में कार्य की गंभीरता, सामर्थ्य, संसाधन का पता चलता है। इससे जनता में किसी अभियान के प्रति सेंस आॅफ ओनरशिप आती है। जनता को हम जितना जागरुक करेंगे, उतने ही इसके प्रभाव होंगे। विशेषकर नई पीढ़ी इसके प्रति जागरुक हो, इसके लिए हमें स्कूलों तक इनोवेटिव तरीके जोड़ने होंगे। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में गुरुवार से शुरू हुए दो दिवसीय वाटर विजन @ 2047 कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जल संवर्धन की दिशा में पूरे विश्व में अपनी तरह का ये एक अनोखा अभियान है। जल संरक्षण के लिए अटल भू-जल संरक्षण योजना की शुरूआत की है। ये एक संवेदनशील अभियान है और इसे उतनी ही संवेदनशीलता से आगे बढ़ाना चाहिए। इंडस्ट्री और खेती दोनों सेक्टर्स को ही पानी की सबसे अधिक जरूरत होती है। हमें इन दोनों ही सेक्टर्स से जुड़े लोगों में विशेष अभियान चलाकर इन्हें वाटर सिक्योरिटी के प्रति जागरुक करना चाहिए।

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