मध्य प्रदेश

मोटे अनाज (मिलेट) के उपयोग को बढ़ावा देने होगी व्यापक गतिविधियाँ

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 का केलेण्डर जारी

भोपाल

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वर्ष 2023 को प्रदेश में भी अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाने के लिये केलेण्डर जारी कर दिया गया है। इस वर्ष विभिन्न विभागों द्वारा मोटे अनाज (मिलेट) के उपयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिये व्यापक गतिविधियाँ की जायेंगी। संबंधित विभागों के लिये विभागीय गतिविधियाँ तय कर दी गई हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 में प्रदेश की मोटे अनाज (मिलेट) फसलों का निरंतर और व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। मिलेट वर्ष में मिलेट संबंधित उत्पादन, विपणन तथा मिलेट फसलों के प्रति आमजन में रूचि उत्पन्न करने के लिये विभिन्न विभागों की माहवार गतिविधियों का केलेण्डर तैयार कर जारी किया गया है। इसके लिये समय-समय पर अंतर्विभागीय बैठक भी होगी।

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, राज्य जैविक प्रमाणीकरण बोर्ड, मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन, कृषि और प्र-संस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, दूरदर्शन, आकाशवाणी और जनसम्पर्क विभाग की भूमिकाएँ तय की गई हैं।

जनवरी माह की गतिविधियाँ

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के प्रचार-प्रसार के लिये जनवरी माह में राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम-पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ होंगी। राज्य-स्तर पर फूड फेस्टिवल, रोड-शो और मिलेट पर केन्द्रित वर्कशॉप होंगी। प्रदेश के जिलों में विशेष रूप से आयोजित मेलों और महोत्सवों में मिलेट गतिविधियाँ होंगी। कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन सेमीनार/वेबिनार किये जायेंगे। म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के होटलों में माह में एक दिवस मिलेट्स आधारित व्यंजन प्रदर्शित कर परोसे जायेंगे। जिला और विकासखण्ड-स्तर पर शासकीय विद्यालयों में मिलेट्स आधारित रंगोली/पोस्टर्स निर्माण/स्लोगन पर प्रतियोगिता होगी। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा मिलेट के लाभ आदि संबंधी में व्याख्यान होंगे। ग्राम पंचायतों में 26 जनवरी 2023 को होने वाली ग्राम सभा में मिलेट फसलों को भोजन में शामिल कर इसके लाभों से लोगों को अवगत कराया जायेगा।

 

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