मध्य प्रदेश

काम में मिशन और विजन दोनों ही दिखाई देना चाहिए, तभी इसके अच्छे रिजल्ट आएंगे:CM

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी साल में रुटीन, अर्जेंट और इंपार्टेंट कामों में फर्क करते हुए इसे परिणाम तक पहुंचाने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। वित्त विभाग के अफसरों से सीएम चौहान ने कहा है कि सीएम की घोषणाओं की प्रेसी फरवरी में कैबिनेट की बैठक में आ जानी चाहिए। वित्त विभाग के अफसर यह भी ध्यान रखें कि कोई भी फाइल एक हफ्ते से अधिक समय तक विभाग ने न रुके।

सीएम चौहान ने अफसरों से कहा है कि चुनाव से पहले 175 दिन का समय हमारे पास है और इसके एक-एक मिनट का उपयोग होना चाहिए। कामों की प्राथमिकता को लेकर उन्होंने कहा कि रुटीन काम तो होना है और अर्जेंट काम आने पर उसकी प्रायरिटी तय करना है लेकिन इंपार्टेंट काम में मिशन और विजन दोनों ही दिखाई देना चाहिए, तभी इसके अच्छे रिजल्ट आएंगे।  सीएम चौहान ने दो विभागों की लड़ाई पर तंज कसते हुए यह भी कहा है कि विभाग प्रमुख एक दूसरे को कमजोर दिखाने के लिए नोटशीट पर प्रतिकूल टिप्पणी करते हैं और मेरा नहीं है, मेरा नहीं है… ऐसा करके काम टालते हैं। यह नहीं चलेगा। सबको समन्वय बनाकर काम करना होगा और दिक्कत है तो मुख्य सचिव या उनके संज्ञान में मामला लाया जाना चाहिए।

26 जनवरी के पहले तीन काम तय करें कलेक्टर
मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टरों से कहा है कि वे 26 जनवरी के पहले तीन काम जिलों में तय कर उसे पूरा करें। गणतंत्र दिवस पर वे इस साल जबलपुर में रहेंगे। यहां 15 दिन तक सफाई अभियान चलना है। इसी तरह बाकी जिलों में भी काम तय किए जाएं। विकास यात्रा राजनीतिक नहीं बल्कि सरकारी कार्यक्रम है। इसलिए कलेक्टरों को इसके लिए फिल्म बनाकर जनता को बताना है।

सर्वश्रेष्ठ थाना स्पर्धा विकसित करें कलेक्टर
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि ला एंड आर्डर निरंतरता की चीज है। इसे एसपी अनदेखा नहीं करें। वे जिलों में थाना स्तर पर प्रतिस्पर्धा तय करें। उन्होंने कहा कि 360 आईएएस, 271 आईपीएस और 141 आईएफएस के कंधों पर 8 करोड़ जनता की जिम्मेदारी है। इसलिए वे समझ सकते हैं कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं। इसलिए काम में गंभीरता का ध्यान रखें।

माइक्रो मानीटरिंग सिस्टम विकसित करें
मुख्यमंत्री ने नए साल की पहली बैठक में एसीएस, पीएस, सचिव और कलेक्टर, एसपी, आईजी, कमिश्नर से कहा कि अधिकारी कामों की माइक्रो मानीटरिंग का सिस्टम विकसित करें। कलेक्टर चाहें तो पूरा जिला बदल सकता है। नवाचार करते रहें, विभाग चाहे कोई भी हो कोई गलती हुई तो वह कलेक्टर की जिम्मेदारी मानी जाएगी। फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की फीडबैक जमीन पर दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं अच्छी हैं और उनका लाभ पाने वालों को सरकार के कार्यक्रम का अहसास कराना है।

काम की ब्रांडिंग अकेले जनसम्पर्क या सीएम नहीं कर सकता
सीएम चौहान ने यह भी कहा कि पिछले एक साल में जो काम एमपी में हुए हैं, उसकी एमपी के बाहर जाने या बाहर के लोगों के यहां आने पर दूसरे लोगों से प्रशंसा होती है लेकिन हम अपने प्रदेश में इसे जनता को नहीं बता पा रहे हैं। यह काम अकेले जनसंपर्क का या मुख्यमंत्री का नहीं है। आपने काम किया है तो इसे बताना भी आपको होगा। एक साल का लेखा जोखा सभी विभाग प्रमुख और कलेक्टर तैयार करें और 23 मार्च को सरकार के तीन साल पूरे होने पर इसकी फिल्म बनाकर लोगों को बताएं। दुष्प्रचार का खंडन करें और सही खबर पर एक्शन लेने का काम अधिकारी करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button