2022 में सबसे ज्यादा शांत रहा जम्मू-कश्मीर, अब ‘जीरो’ टेरर पर होगा फोकस
श्रीनगर
साल 2022 से पहले के चार साल के मुकाबले बीता साल जम्मू-कश्मीर के लिहाज से सबसे ज्यादा शांत रहा। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शनिवार को बताया कि एक साल में यहां 186 आतंकी मारे गए जिनमें से 56 विदेशी थे। वहीं 2023 को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 'मिशन जीरो टेरर' का संकल्प ले लिया है। सिंह ने कहा कि नए साल में राज्य से आतंक का खात्मा करना ही हमारी प्राथमिकता होगी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिलबाग सिंह ने बीते साल की सुरक्षा का पूरा ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि एक साल में आतंकी संगठनों में भर्तीयां भी बहुत कम हो गई हैं वहीं सुरक्षाबलों को जवानों पर हमले भी कम हुए हैं। लश्कर और जैश से जुड़े 186 आतंकवादी मार दिए गए। इसके अलावा 146 आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया।
साल 2022 में 100 युवा आतंकी संगठन में शामिल हुए। यह आंकड़ा साल 2021 के मुकाबले 37 फीसदी कम है। जानकारी के मुताबिक इन लोगों में से 17 को गिरफ्तार कर लिया था वहीं अब केवल 18 ही ऐक्टिव हैं। सिंह ने कहा कि कई युवा जो रास्ता भटक गए थे, फिर से मुख्य धारा में वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बीते साल 14 पुलिसकर्मी और 17 अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए। इसके अलावा 24 कानून का उल्लंघन करने वाली घटनाएं हुईं।
आतंकी गतिविधियों में शामिल 55 वाहन और 28 घरों को सीज किया गया और 649 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। 1880 हथियार बरामद हुए जिनमें एके 47, 275 पिस्टल, 354 ग्रेनेड और 61 आईईडी शामिल हैं।